महाशिवरात्रि पूजा विधि, पूजा महत्व एवं लाभ, पौराणिक कथायें | Mahashivratri Muhurat 2023

हिन्दुओ के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, महाशिवरात्रि। फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है इस दिन शिव भक्त मंदिरो में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, शर्करा आदि से शिव जी का अभिषेक करते है। तथा पुष्प, बेलपत्त, धतूरा और अन्य पूजन सामग्री चढ़ा कर पूजा, व्रत, और रात्रि जागरण करते है।

Mahashivratri | महाशिवरात्रि पूजा विधि, पूजा महत्व एवं लाभ, पौराणिक कथायें

महाशिवरात्रि महत्व एवं लाभ 

महाशिवरात्रि पर्व, सांसारिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। 

पारिवारिक कर्तव्यों परिस्थितियों में जुड़े लोगे इस पर्व को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाते है। 

सांसारिक महत्वकांक्षाओ में लीन लोग महाशिवरात्रि को शिव की कृपा से शत्रु विजय के रूप में मनाते है। 

आध्यात्मिक एवं साधक लोग महाशिवरात्रि को स्थिरता की रात्रि के रूप में मनाते है। क्योकि महाशिवरात्रि के दिन ही शिव जी ने अपने अंदर की सभी गतिविधियो को शांत कर पूरी तरह से स्थिर हो गए थे।   

महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान से से पूजा पाठ करने वालो भक्तो के सभी दुख दूर हो जाते है। शिव की साधना से धन-धान्य, सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस महाव्रत को करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।  

महाशिवरात्रि मुहूर्त 2023 –

18 फरवरी 2023 दिन शनिवार

शिवलिंग पूजा सामग्री –

Mahashivratri Muhurta 2021 महत्व एवं लाभ

इस दिन भगवान शिव का अभिषेक अनेकों प्रकार से किया जाता है। जैसे जलाभिषेक ( जल से ), दुग्‍धाभिषेक ( दूध से ) आदि।

भक्त मंदिरो में शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद, शर्करा आदि से शिव जी का अभिषेक करते है। तथा पुष्प, बेलपत्त, धतूरा और अन्य पूजन सामग्री चढ़ा कर पूजा, व्रत, और रात्रि जागरण करते है। मंदिरों में घंटी और “शंकर जी की जय” ध्वनि गूंजती रहती है।

शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि पूजा में इन वस्तुओं को अवश्य शामिल करना चाहिए:

  • शिव लिंग का पानी, दूध और शहद के साथ अभिषेक करे।
  • बेल के पत्ते या बेर जो आत्मा की शुद्धि एवं पवित्रता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • स्नान के बाद सिंदूर का पेस्ट शिव लिंग को लगाया जाता है। यह पुण्य का प्रतिनिधित्व करता है। 
  • फल  ये दीर्घायु और इच्छाओं की संतुष्टि को दर्शाते हैं। 
  • जलती धूप, धन, उपज (अनाज) अर्पण करे। 
  • दीपक जलाये ये ज्ञान की प्राप्ति के लिए अनुकूल है। 
  • पान के पत्ते चढ़ाये ये  सांसारिक सुखों के साथ संतोष अंकन करते हैं।

अभिषेक में निम्न वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

  • तुलसीदल ( तुलसी के पत्ते )
  • हल्दी
  • चंपा और केतकी के फूल
शिवलिंग भगवन शिव का प्रतिक है। शिव का अर्थ है – कल्याणकारी, और लिंग का अर्थ है – सृजन, सर्जन हार के रूप में लिंग की पूजा होती है। लिंग का अर्थ है प्रतीक, स्वरुप अनंत काल के प्रतीक है भगवान शिव।
 

महाशिवरात्रि से संबधित पौराणिक कथायें :

महाशिवरात्रि को लेकर भगवान शिव से जुड़ी पौराणिक कथाये। 
 

शिव पार्वती विवाह कथा 

ऐसा  माना जाता है की इस पावन दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या किया था, उनके तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था।
 

समुद्र मंथन कथा

 जब अमृत प्राप्त करने के लिए देवताओ और असुरो ने समुद्र मंथन किया तो अमृत निकलने से पहले हलाहल नामक विष निकला यह विष इतना शक्तिशाली था की यह पूरे ब्रम्हांड को नष्ट कर सकता था। 
 
इसलिये केवल भगवन शिव ही इसे नष्ट कर सकते थे। भगवन शिव ने इसे अपने कंठ में धारण कर लिया। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला हो गया। और इसी घटना से बाद से ही भगवान शिव का नाम नीलकंठ पड़ गया। 
 
ऐसी मान्यता है की भगवान शिव ने विष पान करके पूरे ब्रम्हांड की रक्षा की थी इसी उपलक्ष में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। 
 

शिकारी कथा 

महाशिवरात्रि से सम्बंधित एक शिकारी की भी कथा प्रचलित है जो जंगल में अपने शिकार के इंतज़ार में पेड़ में चढ़ कर बैठ गया। वह शिकार का इंतजार करते करते अनायाश ही पेड़ के पत्ते तोड़ कर जमीन में फेकता रहा।
 
सुबह उसे पता चला की संयोग से वह बेल का पेड़ था, जहा वो बेलपत्र फेक रहा था वहां शिवलिंग था, और उस दिन शिवरात्रि होने के कारण अनजाने में उससे महाशिवरात्रि का व्रत हो गया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हो गई। 
 
तभी से महाशिवरात्रि का व्रत मोक्ष प्राप्ति की साधना के तौर पर रखने की परंपरा शुरू हो गई।
 
इस आर्टिकल में हमने विस्तार से बताने की कोशिश की है – महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है, और इसका महत्व एवं लाभ क्या है। आशा है की आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी इसे अपने तक ही सीमित ना रखें बल्कि अपने दोस्तों एवं प्रियजनों के साथ भी शेयर करें और लेटेस्ट अपडेट के लिए हमारे TELIGRAM चैनल को join करे।

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